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डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) में नॉर्मलाइजेशन (Normalization) एक तकनीक है जिसका उद्देश्य डेटाबेस के डेटा को संरचित और अव्यवस्थितता से मुक्त करना होता है। नॉर्मलाइजेशन के द्वारा डेटाबेस में अनिवार्यता, डेटा रिडंडंटसी, और डेटा इनकंसिस्टेंसी से बचा जाता है जिससे डेटा को प्रभावी और तेजी से प्रक्रियान्वित किया जा सकता है। नॉर्मलाइजेशन के कार्यक्रम में डेटा को कई उप-टेबल्स में विभाजित किया जाता है, जो अलग-अलग एंटिटी या डेटा धारकों को प्रतिनिधित्व करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि हर उप-टेबल में एक ही तरह का डेटा स्टोर होता है और कोई डेटा रिडंडंटसी नहीं होती है, जिससे डेटा के अनुप्रबंध को सुगम बनाया जा सकता है।

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया कई स्तरों पर आयोजित की जाती है, जिन्हें नॉर्मल फॉर्म्स (Normal Forms) कहा जाता है। साधारणतः, पांच प्रमुख नॉर्मल फॉर्म्स होती हैं: प्रथम नॉर्मल फॉर्म (1NF), द्वितीय नॉर्मल फॉर्म (2NF), तृतीय नॉर्मल फॉर्म (3NF), चतुर्थ नॉर्मल फॉर्म (4NF) और पाँचवीं नॉर्मल फॉर्म (5NF)। हर एक नॉर्मल फॉर्म में डेटा की विभिन्न स्तरों पर संरचना और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न नियम और सूचकांक निर्धारित किए जाते हैं। नॉर्मलाइजेशन के परिणामस्वरूप, डेटाबेस का डिजाइन सरल, स्पष्ट और संरचित होता है, जिससे डेटाबेस को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

dbms Asked question August 4, 2023